एसपीजी (संशोधन) बिल 2019 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया। बिल पर वोटिंग से पहले कांग्रेस के सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सिर्फ गांधी परिवार ही नहीं देश के हर नागरिक की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कांग्रेस के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है, बल्कि वह केवल बदली गई है। नए बिल के मुताबिक एसपीजी की सुरक्षा केवल पूर्व प्रधानमंत्रियों को मिलेगी। कानून सभी के लिए बराबर होगा किसी एक परिवार को ध्यान में रखकर फैसला नहीं लिया जा सकता है। यहां आपको बता दें कि एसपीजी बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक 2019 में संशोधन का उद्देश्य ब्लैक कैट कमांडो की दक्षता को बढ़ाना है। शाह की टिप्पणी लोकसभा में विधेयक पर विचार करने और पारित करने के दौरान आई, जो एसपीजी अधिनियम 1988 में संशोधन की मांग करता है। इसके तहत प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री के साथ ही उनके करीबी परिजनों के लिए सुरक्षा प्रदान की जाती है।
शाह ने कहा, ‘एसपीजी विधेयक का उद्देश्य विशेष सुरक्षा समूह को और अधिक कुशल बनाना है और इस काम में कोई उदासीनता नहीं होनी चाहिए।’
गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को विधेयक पेश किया था।
निचले सदन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 1991, 1994, 1999 और 2003 में कानून में संशोधन हुए हैं और वह बुधवार को एसपीजी अधिनियम में एक और संशोधन के लिए आए हैं जो कानून की मूल बातों के अनुसार है।
अधिनियम में संशोधन के बाद शाह ने कहा कि नए कानून से यह अनिवार्य हो जाएगा कि एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री को प्रदान की जाए और उनके आधिकारिक निवास पर उनके साथ रहने वाले तत्काल परिवार के सदस्य ही इसमें शामिल हों।
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके तत्काल परिवार के ऐसे सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा दी जाएगी, जो उनके साथ आवंटित आवास पर रहते हैं. एसपीजी सुरक्षा प्रधानमंत्री का पद त्यागने के पांच वर्ष के अंतराल तक मुहैया कराई जाएगी।’
प्रधानमंत्री के लिए एसपीजी कवर की आवश्यकता के बारे में बताते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी की जरूरत है, क्योंकि वह देश के कल्याण, देश की सुरक्षा और समाज की भलाई के लिए कुछ कठोर निर्णय लेते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह केवल प्रधानमंत्री की शारीरिक सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री के पद की सुरक्षा, उनकी गरिमा, उनके कार्यालय, उनके संस्थान, स्वास्थ्य और संचार तक सीमित है। इन सभी चीजों की निगरानी एसपीजी द्वारा की जाती है क्योंकि वह सरकार के प्रमुख हैं।’
इजरायल, फ्रांस और इंग्लैंड का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि दुनिया में कई अन्य देश हैं, जहां ऐसे सुरक्षा समूह अपने राष्ट्रों के प्रमुखों और उस जगह को सुरक्षा प्रदान करते हैं जहां वे काम करते हैं और रहते हैं।
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